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Posted by Dr. Manoj Gupta on Sunday, 1st June 2014
पाचन रहेगा ठीक,यदि माने आयुर्वेद की सीख l
आज की भागदौड भरी जिन्दगी,अनियमित दिनचर्या एवं खान पान की गलत आदतों के कारण अधिकतर व्यक्ति पेट के रोगों से ग्रस्त हैं, पाचन संस्थान का हमारे पूरे शरीर की सेहत पर प्रभाव पड़ता है खानपान की आदतों में यदि निम्न सुधार कर लिया जाये तो पेट के रोगों के होने की सम्भावना काफी कम हो जाती है-
* रेशे युक्त आहार लें- रेशा युक्त आहार कब्ज,अपचन ,बवासीर,कोलेस्ट्रोल,मोटापा आदि रोगों से बचाता है ,रेशा चोकर युक्त आटा ,सलाद,हरी सब्जियां,फल,चावल,दाल आदि में पाया जाता है l
* संतुलित भोजन करें -भोजन में ,दही ,छाछ ,अंकुरित अन्न ,दूध,दलिया ,खिचड़ी आदि का नियमित सेवन करना चाहिए, छाछ को अमृत तुल्य कहा गया है,मांसाहार ,पूडी ,परांठे ,मिठाई,मिर्च मसाले ,जंक फ़ूड,मैदा आदि का ज्यादा सेवन नहीं करना चाहिए l
* प्रात:काल पानी पीयें - सुबह उठने के बाद चाय के बजाय 2-3 गिलास पानी पीना चाहिए,बैड टी से पेट में एसिड बनता है l
* खाना अच्छी तरह चबा चबा कर खाएं-अच्छी तरह चबा चबा कर खाने से भोजन में लार रस अच्छी तरह मिल जाता है ,जिससे भोजन का पाचन अच्छी तरह से होता है ,जल्दी जल्दी भोजन निगलने से अपचन,गैस,कब्ज,एसिडिटी आदि रोगों की उत्पत्ति होती है l
* शाम को भोजन के बाद घूमें -शाम को खाना सोने से 2-3 घंटे पहले एवं हल्का होना चाहिए ,भोजन के बाद 15-20 मिनट अवश्य घूमें ,इससे बहुत से रोगों से बचाव तो होता ही है साथ ही नींद भी अच्छी आती है,भोजन हमेशा निश्चित समय पर खाने की कोशिश करनी चाहिए l
* नशा न करें -धूम्रपान , तम्बाकू एवं अत्यधिक शराब का सेवन पेट के रोगों के साथ साथ शरीर के अन्य रोगों का भी कारण होता है l
* व्यायाम एवं योगा करें-नियमित रूप से व्यायाम,योगा करने एवं पैदल घूमने से बहुत से रोगों से बचाव होता है ,पाचन शक्ति अच्छी रहती है तथा मानसिक तनाव काफी कम हो जाता है l