World's first medical networking and resource portal

Community Weblogs

May08

मित्रों अक्सर हम देखते हैं कि  जब भी कोई इमरजेंसी केस हॉस्पिटल्स में आते है तब अचानक खून की मांग बढ़ जाती है और विशेषज्ञों द्वारा मरीज़ के परिजनों से खून का इंतजाम करने के लिए कहा जाता है। यह खून की बोतल दरअसल अस्पतालों में मौजूद ब्लड बैंक से लायी जाती है।

क्या आप जानते हैं कि ब्लड बैंक में वास्तव में क्या होता है ?Blood bank

रक्त को एक से दूसरे व्यक्ति में स्थानांतरित करने की विधि, जीवित कोशिकाओं को एक से दूसरे मनुष्य में डालने के समान है. रक्तदान करते समय दान करने वाले स्वस्थ मनुष्य के शरीर से रोगी के शरीर में रक्त डाला जाता है. यह सुनने में बहुत साधारण सा लगता है किन्तु इस प्रक्रिया में कई सावधानियां रखनी पड़ती हैं. ब्लड बैंक एक ऐसा ही स्थान है जहाँ पहले से ही अलग अलग व्यक्तियों द्वारा अलग अलग ब्लड ग्रुप का रक्त संगृहित किया जाता है. जिससे ज़रूरतमंद लोगों को सही समय आने पर रक्त दिया जा सके.

 आजकल बड़े अस्पतालों में सभी काम ऑटोमेटिक मशीनों से किये जाते है। जब भी खून संगृहीत करने की प्रक्रिया शुरू होती है तो मशीन खुद खून को उसके ग्रुप के हिसाब से या कोई बीमारी के हिसाब से अलग कर देती है। जैसे ही कोई इमरजेंसी होती है वैसे ही ब्लड बैंक से यह ब्लड मंगवाया जाता है और रोगी को स्थानांतरित कर दिया जाता है।

आजकल एक अच्छे ब्लड बैंक में यह सब खूबियाँ होती हैं-

१.भरपूर जगह

२.आवश्यक उपकरण और रासायनिक द्रव्य

३.प्रशिक्षित स्टाफ

एक अच्छे ब्लड बैंक के लिए १००० स्क्वायर फीट जगह मानक मानी गयी है जिसे ७ कमरों में बांटा जाता है.

१.रिसेप्शन रूम-

इसे डोनर रूम भी कहते हैं. इसमें रक्तदान करने वाले लोगों को बैठाया जाता है. यह कम से कम १२ स्क्वायर फीट का होना चाहिए. इसमें डोनर का वजन और हेमोग्लोबिन नापा जाता है. अगर उस व्यक्ति को कभी मलेरिया या पीलिया हुआ है तो वह रिकॉर्ड किया जाता है. अगर डोनर को स्वस्थ घोषित कर दिया गया है तब उसके  लिए डोनर कार्ड बनाया जाता है जिसमे उसकी पूरी जानकारी होती है. उसके बाद उसे दूसरे कमरे में भेज दिया जाता है.

२.ब्लीडिंग रूम 

यह कम से कम १५ स्क्वायर फीट का होता है. जिसमें इन्फेशन से बचाने के लिए ज्यादा लोगों को आने जाने नहीं दिया जाता है. इसमें दो बिस्तर होते हैं और यह अधिकतर एयर कंडीशंड होता है.                                                       

३.डोनर विश्राम कक्ष-

रक्तदान के बाद व्यक्ति को १५-३० मिनट तक इस कक्ष में बैठाया जाता है और उसे कुछ खाने पीने के लिए दिया जाता है. यह १० स्क्वायर फीट का एक कमरा होता है जिसमें दाता को रक्तदान के बाद कोई परेशानी तो नहीं हुई, यह देखने के लिए रखते हैं.

४. लेबोरेट्री -

इसके दो भाग होते हैं ; पहले में ब्लड सीरम की जांच होती है और दूसरे में रक्त में मलेरिया, हेपेटाईटीस बी और अन्य बीमारियों की जांच करी जाती है.आजकल एक अलग सेक्शन भी होता है जिसमें रक्त में से प्लेटलेट और लयूकोसाईट अलग अलग निकालकर रखे जाते हैं.

५.क्लीनिंग और sterilization रूम-

यहाँ पर कांच के उपकरण साफ़ किये जाते हैं और अन्य उपकरणों को साफ़ किया जाता है. यहाँ पर आई.वी सेट , नीडल और सिरिंज रखे जाते हैं. यह १२ स्क्वायर फीट का होता है.                                                                      

६.स्टोर 

यह कम से कम १० स्क्वायर फीट का होता है. यहाँ पर ब्लड बैग रखे जाते हैं और रक्त को इकठ्ठा करके ठण्ड में रखा जाता है.

७.ऑफिस-

यह कम से कम १० स्क्वायर फीट का होता है और यहाँ पर कर्मचारी और ऑफिसर्स रहते हैं.

ब्लड बैंक की कार्यप्रणाली -

  • जब किसी व्यक्ति को खून की जरुरत होती है, तब सबसे पहले यह देखा जाता है की उस व्यक्ति का ब्लड ग्रुप क्या है, और कितने खून की जरुरत हो सकती है। इस आधार पर डॉक्टर्स ब्लड बैंक से संपर्क करते है और ब्लड मंगवा लेते है।                                                            
  • जिनका वजन 45 से 55 किलोग्राम के आस पास है, ऐसे लोगों के शरीर में से एक बार में 350 मिली लीटर से 450 मिली लीटर ( एक यूनिट) खून लिया जा सकता है।
  • जब भी ब्लड बैंक में खून लाया जाता है तब वो अलग अलग तरह की प्रोसेस से होकर निकलता है। उस प्रोसेस में यह पता चल जाता है की ब्लड किस प्रकार का है, और खुद कंप्यूटर ही ब्लड के आधार पर उसे अलग अलग कर देता है।
  • यह एक बोतल या पाउच में पैक हो जाता है जिस पर लेबल लगाया जाता है। और ग्रुप के आधार पर रख दिया जाता है। ताकि इमरजेंसी के दौरान आपको ब्लड ढूँढना न पड़े।
  • अगर टेस्ट के दौरान कोई भी ऐसी बीमारी का पता चलता है जो खून से फैलती है तो खून को नहीं स्टोर किया जाता है।

ब्लड डोनेशन के बाद ध्यान रखने वाली जरुरी बातें-

  • ब्लड डोनेशन के तुरंत बाद थोड़ी देर लेट लेना चाहिये           
  • अक्सर डोनेशन के बाद डॉक्टर्स आपको चाय और बिस्किट्स देते है उन्हें खा लेना चाहिये.
  • ज्यादा से ज्यादा पानी, जूस पीना चाहिये.
  • ब्लड डोनेशन के तुरंत बाद सावधानी के लिए आपको गाड़ी नहीं चलानी चाहिये.
  • ब्लड डोनेशन के 4 घंटों के बाद तक धूम्रपान नहीं करना चाहिये.
  • शरीर पर जिन खेलों से ज्यादा भार पड़ता हो, जैसे क्रिकेट, कसरत आदि अति फुर्ती वाले खेलों से दूर रहना चाहिये.
  • जहाँ से खून निकाला गया हो वहाँ दबा के रखना चाहिये.
  • जिसे उसके बाद भी कमजोरी आ रही हो तो तकिये पर पैर रखकर सोना चाहिये.
  • फिर भी यदि कोई और समस्या सामने आ जाए तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करके परामर्श लें.

तो मित्रों यदि आपके आस पास भी किसी को रक्त की आवश्यकता है तो ब्लड बैंक में जाकर निःसंकोच रक्तदान करें. वहाँ आपके लिए आधुनिकतम प्रणालियों से सुसज्जित उपकरण हैं. इससे स्वस्थ व्यक्ति के स्वास्थ्य को कोई हानि नहीं होती. आजकल यह पूरी तरह से आधुनिकसुरक्षित और आसान है !!!

जनहित में ये जानकारी शेयर करें .

सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः  

सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद्दुःखभाग्भवेत् 

शेष अगली पोस्ट में.....

प्रतिक्रियाओं की प्रतीक्षा में,  

आपका अपना,

डॉ.स्वास्तिक 

चिकित्सा अधिकारी

आयुष विभाग उत्तराखंड शासन )

(निःशुल्क चिकित्सा परामर्शजन स्वास्थ्य के लिए सुझावों तथा अन्य मुद्दों के लिए लेखक से drswastikjain@hotmail.com पर संपर्क किया जा सकता है ) 



Comments (0)  |   Category (Emergency Medicine)  |   Views (1749)

Community Comments
User Rating
Rate It


Post your comments

 
Browse Archive