ऐसा कहते हैं कि भूख और नींद जितनी बढ़ाओ या घटाओ, उतनी बढ़ या घट जाती है ।नींद ऐसी चीज है जो किसी को पत्थर पर सोने से ही आ जाती है और किसी को मखमली बिस्तर पर भी नहीं आती । एक बार अकबर ने बीरबल से पूछा कि दुनिया में सबसे प्यारी चीज क्या है ? तो बीरबल ने बताया कि सबसे प्यारी चीज़ है, नींद। वास्तव में नींद केवल प्यारी ही नहीं है बल्कि जीवन के लिए अति आवश्यक भी है। लेकिन यह प्यारी सी चीज नींद सबके हाथ लगती कहां है? दुनिया में सैकड़ों ऐसे लोग मिल जाएँगे जो नींद के लिए तरसते हैं। नींद ने तो लोगों को कवि और शायर तक बना दिया है। अनेक कवितायें और फिल्मी गाने नींद के ऊपर लिखी गयी है। चिकित्सकों के अनुसार 18 से 40 वर्ष तक आठ घंटे की नींद और 40 से 50 वर्ष तक स्वस्थ मनुष्य के लिए 6 घंटे की नींद ज़रूरी होती है । 50 वर्ष से अधिक उम्र होने पर नींद कम आने लगती है। अनिद्रा, दुनिया भर की आम स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है, जो हर उम्र के पुरुषों और महिलाओं में हो सकती है।
१. 35 प्रतिशत मरीज, जीवन के एक खास दौर में अनिद्रा की शिकायत करते हैं।
२. 12 प्रतिशत मरीजों के लिए यह एक आम शिकायत है।
३. स्त्रियां अनिद्रा से अधिक पीड़ित रहती हैं।
४. नींद न आने की समस्या उम्र के साथ-साथ बढ़ती है।
आयुर्वेद के अनुसार वात और पित्त बढ़ जाने से अनिद्रा की स्थिति आती है। वात-पित्त मानसिक तनाव के कारण बढ़ता है। इसके बाद कुंठित भावनाओं का स्थान आता है। तीन हफ्तों तक जारी रहने वाली अनिद्रा को ट्रांजियंट इनसोम्निया कहा जाता है। इसका मुख्य कारण मानसिक संघर्ष, अपरिचित या नया वातावरण, सदमा, प्रियजनों की मृत्यु, तलाक या नौकरी में बदलाव आदि हो सकते हैं।नींद ना आने का सबसे प्रमुख कारण टेंशन होता है|शोर-शराबे वाली जीवन शैली, अनियमित दिनचर्या, कम शारीरिक व्यायाम व कम मेहनत करना , ज्यादा शराब सेवन करने से भी नींद नहीं आती है| आधुनिक रिसर्च के अनुसार इस तरह की समस्याओं का कारण हमारी बदलती जीवनशैली भी है। हमारे पास ऐसे बहुत से मरीज आते हैं जो कहते हैं कि उन्हें नींद नहीं आती।
१. सुस्ती, अनिद्रा के कारण लोगों में दिखाई देने वाला एक आम लक्षण है.
२. जागने के बाद आपको खुमारी या सर भारी होने का अहसास होता है.
३. जब एक व्यक्ति की रोज की नींद पूरी नहीं होती तो उसके स्वभाव में चिड़चिड़ापन होने लगता है.
४. ऐसे लोगों को बहुत जल्दी गुस्सा आने लगता है और वे धीर धीरे डिप्रेशन का शिकार हो सकते हैं.
५. उनका व्यवहार असामान्य होने लगता है।
६. अगर अनिद्रा की समस्या काफी लंबे समय के लिए हो जाय तो यह शरीर के लिए गंभीर और चिरकारी हो जाती है जिसका इलाज़ अच्छे चिकित्सक से ही करवाना चाहिए।
७. अगर एक व्यक्ति 30 दिनों से भी अधिक समय तक के लिये ठीक से ना सो पाएं तो इसका अर्थ यह है कि वह चिरकालीन अनिद्रा का शिकार है।
८. अनिद्रा के कारण साइकोसोमैटिक परेशानियां जैसे डीप्रेशन, घबराहट, आत्मबल की कमी जैसी समस्याएं भी होने लगती हैं।
प्रारम्भ में हम इसका इसका उपचार बिना दवाइयों के ही करते है. इनमे कुछ आसान उपाय अपनाने होते हैं जैसे-
१. नियमित व्यायाम की आदत डालें, इससे नींद अच्छी आती है, पर सोने से पहले व्यायाम नहीं करना चाहिए।
२. सोने के कमरे को शांत व अंधकारमय रखना ।
३. सोने व उठने की नियमित दिनचर्या बनाना।
४. शयन के समय शवासन का नियमित अभ्यास।
५. सोते समय सकारात्मक विचारों द्वारा मान को शांत रखना।
१. अगर नींद नहीं आ रही हो तो अभी बिस्तर पर न जाएं।
२. बिस्तर पर लेटे लेटे नींद का इंतजार न करें। तभी लेटें , जब नींद आने की फीलिंग हो।
३. हर सुबह एक निश्चित समय पर उठें। रात को निश्चित समय पर सोएं।
४. देर रात तक पार्टियों व टीवी देखने की आदत छोड़ें।
५. दिन में नहीं सोयें ताकि रात में अच्छी नींद आये।
६. सोने से पहले व्यायाम करके भोजन करें। सोने से पहले हाथ, पैर धोयें या स्नान कर लें।
७. सोने से पहले रात को इक सेब का मुरब्बा गरम दूध के साथ लें.
८. तीन ग्राम ताज़े पोदीने के पत्ते २०० ग्राम पानी में २ मिनिट तक उबालने के बाद छान लें. इसमें दो चम्मच शहद मिलाकर गुनगुना गुनगुना रात को सोने से पहले पी जाएँ. ३-४ हफ्ते इसे आजमायें फिर देखिये.
९. कुछ धार्मिक रोगियों से बात करने पर पता चला कि भगवान का भजन कर लें या कोई मंत्र जैसे-गायत्री मंत्र का जपकर लें तो भी नींद आ जाती है।
नींद लाने के लिए कई आसान उपाय बताये गये हैं। भारत में योग उनमें से एक उपाय है। पश्चिमी देशों में संगीत को महत्व दिया गया है। अनिद्रा दूर करने का एक तरीका ध्यान भी है। सुबह और शाम लगभग 20 मिनट तक किए गए योगासनों के जरिए शरीर को उतना ही लाभ पहुंचाया जा सकता है, जितना आठ घंटे की नींद लेने से होता है। योगासन हमारे शरीर के तंत्रिका तंत्र को सक्रिय बनाते हैं। ये तनाव से राहत दिलाने में मदद करते हैं, जोकि अनिद्रा का सबसे आम कारण है। शवासन एक ऐसी मुद्रा है जो हमें तनाव से मुक्त कर अनिद्रा से छुटकारा पाने में मदद करती है। इसे केवल 20 मिनट कीजिये; आपको अवश्य ही आराम मिलेगा ऐसा हमारा अनुभव है.
इसलिए आपको सलाह दी जाती है कि अगर आप सामान्य उपचार द्वारा ठीक नहीं हो पा रहे हैं तो इसके विशेषज्ञ से मिलकर रोग को जल्दी से जल्दी दूर करने का प्रयास करें जिससे आपकी सेहत अच्छी हो सके. अगर आपकी जानकारी में भी इस रोग से पीड़ित है तो उसे ये जानकारी देकर एक ज़िम्मेदार नागरिक होने का कर्तव्य निभाएं.
“सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः ।
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद्दुःखभाग्भवेत् ॥“
शेष अगली पोस्ट में.....
प्रतिक्रियाओं की प्रतीक्षा में,
आपका अपना,
चिकित्सा अधिकारी
(आयुष विभाग, उत्तराखंड शासन )
(निःशुल्क चिकित्सा परामर्श, जन स्वास्थ्य के लिए सुझावों तथा अन्य मुद्दों के लिए लेखक से drswastikjain@hotmail.com पर संपर्क किया जा सकता है )